republic Day speech
गणतंत्र दिवस पर भाषण - 2025
सुप्रभात!
यहाँ उपस्थित सभी माननीय अतिथिगण, आदरणीय शिक्षकगण, अभिभावक और मेरे प्रिय साथियों को मेरा सादर नमस्कार। आज हम सब यहाँ भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व, सम्मान और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है।
गणतंत्र दिवस का महत्व
26 जनवरी 1950 का दिन भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। इस दिन हमारा संविधान लागू हुआ, जिसने भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य का दर्जा दिया। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारा देश केवल स्वतंत्र नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित लोकतंत्र के रूप में संगठित है।
हमारे संविधान ने हमें न केवल अधिकार दिए, बल्कि जिम्मेदारियों का भी बोध कराया। न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे आदर्श हमारे संविधान की नींव हैं। इन आदर्शों को अपनाकर ही हम एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
संविधान निर्माण की कहानी
क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है? इसे तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान सभा ने इसे तैयार किया। इसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं, जो अब बढ़कर 470 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हो गई हैं।
संविधान को तैयार करने में विश्व के विभिन्न संविधानों से प्रेरणा ली गई। उदाहरण के लिए:
ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली
अमेरिका से मौलिक अधिकार और न्यायपालिका की स्वतंत्रता
आयरलैंड से नीति निर्देशक तत्व
कनाडा से संघीय व्यवस्था
26 जनवरी का चयन क्यों?
26 जनवरी का चयन भी ऐतिहासिक महत्व रखता है। 1930 में, इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया था। इसलिए 1950 में संविधान लागू करने के लिए इस दिन को चुना गया।
हमारी उपलब्धियां
आज 2025 में, भारत विश्व के प्रमुख देशों में से एक है। हमारी उपलब्धियों पर नजर डालें तो यह दिन और भी गौरवपूर्ण हो जाता है।
विज्ञान और तकनीक: भारत ने चंद्रयान-3 और गगनयान जैसे मिशन के जरिए अंतरिक्ष में अपनी ताकत दिखाई है।
आर्थिक क्षेत्र: भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और डिजिटल भुगतान में अग्रणी है।
रक्षा क्षेत्र: भारतीय सेना विश्व की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है। हमारी आत्मनिर्भर भारत योजना ने हमें रक्षा उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बनाया है।
खेलकूद: खेल के क्षेत्र में भी भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है। ओलंपिक, एशियाई खेलों और क्रिकेट में हमारे खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा और हरित ऊर्जा में भारत का योगदान पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है।
चुनौतियां और हमारी जिम्मेदारी
हालांकि हमने बहुत तरक्की की है, लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, और पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याएं हमारा ध्यान आकर्षित करती हैं।
गणतंत्र दिवस केवल उत्सव मनाने का दिन नहीं, बल्कि आत्ममंथन का भी दिन है। हमें यह सोचने की जरूरत है कि हम अपने देश और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को कितनी गंभीरता से निभा रहे हैं।
स्वच्छता अभियान में भाग लें।
पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाएं और ऊर्जा की बचत करें।
शिक्षा का प्रचार-प्रसार करें।
सामाजिक समरसता और भाईचारे को बढ़ावा दें।
युवाओं की भूमिका
युवा इस देश की रीढ़ हैं। अगर युवा शक्ति अपने कर्तव्यों को समझकर ईमानदारी से प्रयास करे, तो भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। आज हमें जरूरत है कि हम स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, और भगत सिंह जैसे महान व्यक्तियों से प्रेरणा लें।
संकल्प का समय
आइए, इस गणतंत्र दिवस पर हम यह संकल्प लें कि हम अपने अधिकारों का उपयोग उतनी ही निष्ठा से करेंगे, जितनी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। हम मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जो सबके लिए समान अवसर और सम्मान सुनिश्चित करे।
समापन
मेरे दोस्तों, गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारा देश हमें क्या-क्या प्रदान करता है और हमें इसके प्रति क्या योगदान देना चाहिए। आइए, हम इस दिन को उत्साह, एकता, और राष्ट्रभक्ति के साथ मनाएं।
जय हिंद! जय भारत!
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